मायके वालों ने जमीन हड़पने के लिए किया षड्यंत्र, महिला ने कमिश्नर से लगाई गुहार
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, उत्तर प्रदेश
हमीरपुर/उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक महिला को उसके ही जीते जी राजस्व डिपार्टमेंट ने मुर्दा घोषित कर दिया है। प्रशासन के अफसरों के यहां गुहार लगाने के बाद भी उसे जिन्दा नहीं माना गया। तब उसने चित्रकूट धाम बांदा मंडल के कमिश्नर की चौखट में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसके ही मायके वालों ने जमीन जायदाद के चक्कर में मुर्दा घोषित कराया है। फिलहाल इस मामले की जांच के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
अंधेरगर्दी का यह मामला हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के इंगोहटा गांव की एक महिला का है जिसे जीते जी ही यहां के राजस्व कर्मियों ने मृत घोषित कर दिया है। गांव के दिनेश मिश्रा ने अपनी बेटी गौरी मिश्रा की शादी काफी समय पहले कर दी थी। उसने अपनी बेटी के नाम मरने से पहले सात बीघे जमीन लिख दी थी। ये जमीन लाखों रुपये कीमत की बताई जा रही है जिसे हड़पने के लिए उसका भाई और चाचा ने बड़ा ही खेल खेला।
राजस्व अभिलेखों में गौरी मिश्रा के नाम पूरी जमीन दर्ज होने के बाद भी मायके वालों ने अपने नाम करा लिया। अभिलेखों में उसे मुर्दा भी घोषित कर दिया गया। यह मामला सामने आने के बाद गौरी मिश्रा ससुराल से मायके पहुंची जहां उसे धमकी देकर भगा दिया गया। महिला ने इस मामले को लेकर हमीरपुर में प्रशासन के अधिकारियों से शिकायत कर कहा कि वह तो अभी जिन्दा है फिर क्यों उसे मृत घोषित कर दिया गया है। लेकिन कोई भी अधिकारी ने उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की।
ये महिला लगातार इस मामले को लेकर परेशान रही। इधर इंगोहटा क्षेत्र के लेखपाल महेन्द्र कुमार का कहना है कि वरासतनामा में गौरी मिश्रा का नाम अंकित था लेकिन शादी होने के बाद उसका नाम वरासत से हटा दिया गया है। बताया कि किसी को मृत घोषित नहीं किया गया है। एडीएम फाइनेंस विजय शंकर तिवारी ने बताया कि इस मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। तहसीलदार पूरे मामले को देख रहे हैं। एसडीएम सदर पीपी पाठक ने बताया कि महिला की शादी होने के बाद परिवार के लोगों ने आवेदन किया था जिस पर वरासतनामा से महिला का नाम हटाया गया है, जो नियमों के मुताबिक है। कहा कि महिला को अभिलेखों में मृत घोषित नहीं किया गया है।