जिला महिला अस्पताल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब वार्डों में भर्ती 30 से अधिक प्रसूताओं की तबीयत बिगड़ने लगी
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, बस्ती/उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लापरवाही का मामला बस्ती जिले से सामने आया है। यहां के सरकारी जिला महिला अस्पताल में आधी रात को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब एक साथ वार्डों में भर्ती 30 से अधिक प्रसूताओं की तबीयत बिगड़ गई। किसी की सांस फूलने लगी, किसी का बीपी लो हो गया, और किसी को बुखार आ गया। अचानक इतने प्रसूताओं को एक ही तरह के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारी नदारद हो गए, जिससे मरीजों के तीमारदारों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
महिला मरीजों की हालत बिगड़ते देख डॉक्टर गायब हो गए। इस बात की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। डीएम रवीश कुमार खुद टीम के साथ जिला महिला अस्पताल पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।
रात करीब 11 बजे नर्स ने वार्ड में भर्ती सभी प्रसूताओं को इंजेक्शन लगाना शुरू किया। इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद सभी की तबीयत खराब हो गई। तीमारदारों का आरोप है कि नर्स ने एक्सपायरी डेट के इंजेक्शन लगाए, जिससे सभी की तबीयत बिगड़ी। जब तीमारदारों ने डॉक्टरों से शिकायत की, तो वे कोई जवाब दिए बिना वहां से गायब हो गए।
डीएम का बयान
जिला अधिकारी रवीश कुमार गुप्ता ने बताया कि नर्स ने वार्ड में भर्ती सभी महिला मरीजों को दर्द का इंजेक्शन दिया था, जिसके बाद सभी को दिक्कत होने लगी। हालांकि, एक्सपायरी इंजेक्शन की बात सही नहीं है। दवा में क्या दिक्कत थी, इसकी जांच की जा रही है। फिलहाल, जिन प्रसूताओं की हालत गंभीर थी, वे अब खतरे से बाहर हैं और डॉक्टरों द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है।