प्रयागराज – इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 वर्षीय नाबालिग की शादी करवाने वाले पुरोहित और विवाह का प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्था आर्य सनातन धर्म सेवा समिति, आगरा के सचिव पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने फर्जी आयु प्रमाण पत्र के आधार पर शादी करने वाले युवक श्रवण को भी गिरफ्तार कर संबंधित थाना प्रभारी के हवाले करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही नाबालिग लड़की को बाल कल्याण समिति, इटावा को सौंपने और उसकी काउंसलिंग कर पुनर्वास की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने नाबालिग लड़की और युवक श्रवण द्वारा पुलिस से संरक्षण की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि फर्जी आधार कार्ड के स्रोत की भी जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
याचिकाकर्ताओं ने मांगा था पुलिस संरक्षण
लड़की और लड़के ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर यह दावा किया था कि वे दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है, इसलिए उन्हें पुलिस से संरक्षण दिलाया जाए। उन्होंने अपनी उम्र के प्रमाण के तौर पर आधार कार्ड प्रस्तुत किया था, जिसमें लड़की की जन्म तिथि 7 अक्टूबर 2003 बताई गई थी।
पुलिस की जांच में निकला फर्जी आधार कार्ड
सरकारी अधिवक्ता ने आधार कार्ड पर संदेह जताते हुए इसकी जांच की मांग की, जिसके बाद एसएचओ सैफई को जांच का आदेश दिया गया। जांच में पाया गया कि लड़की की असली जन्म तिथि 8 सितंबर 2011 है, जिससे उसकी उम्र लगभग 12 वर्ष है। ग्राम प्रधान और प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक के बयान तथा लड़की के पिता द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों के आधार पर भी लड़की की उम्र 12 वर्ष ही पाई गई।
कोर्ट ने जताई चिंता, बाल विवाह से स्वास्थ्य पर पड़ेंगे बुरे प्रभाव
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 12 वर्ष की आयु में शादी करवाना बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के खिलाफ है और इसके खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। इससे लड़की के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई याचिकाएं दाखिल की जाती हैं, जिसमें ट्रस्ट या समिति के सदस्य पैसे के लालच में विवाह करवाते हैं।
पुरोहित और संस्था के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश
कोर्ट ने शादी करवाने वाले पुरोहित और प्रमाण पत्र जारी करने वाली आर्य सनातन धर्म सेवा समिति, आगरा के सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और फर्जी आधार कार्ड के स्रोत की जांच करने के आदेश दिए हैं। युवक श्रवण को हिरासत में लेकर एसएचओ सैफई के हवाले किया जाएगा।
प्रमुख बातें:
- नाबालिग की शादी का मामला: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 वर्षीय लड़की की शादी करवाने वाले पुरोहित और संस्था पर केस दर्ज करने के आदेश दिए।
- फर्जी दस्तावेजों की जांच: अदालत ने फर्जी आधार कार्ड के स्रोत की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
- बाल कल्याण समिति को सौंपा गया नाबालिग: लड़की को बाल कल्याण समिति, इटावा को सौंपा गया और काउंसलिंग के साथ पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी।
- फर्जी आधार कार्ड का मामला: जांच में लड़की की असली उम्र 12 वर्ष पाई गई, जबकि आधार कार्ड में उसे 21 वर्ष बताया गया था।