लखनऊ: अगले साल तक उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) कार्यालयों का कामकाज खत्म कर दिया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक लोगों को अब आरटीओ जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि उन्हें ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (डीटीटीआई) और ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीसी) जाना होगा। यहीं से उनके ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए डीटीटीआई और डीटीसी होंगे नए केंद्र
अब तक आरटीओ कार्यालय में टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाकर टेस्ट पास करने के बाद लाइसेंस जारी किया जाता था। लेकिन अब डीटीटीआई और डीटीसी के बनने के बाद आरटीओ कार्यालय में टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाकर टेस्ट देने का काम खत्म हो जाएगा।
यूपी में 16 सरकारी डीटीटीआई और 50 से ज्यादा डीटीसी बनाए जाएंगे
उत्तर प्रदेश में 16 ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट सरकारी तौर पर विभिन्न जिलों में बनाए जा रहे हैं। कानपुर और रायबरेली में इनकी शुरुआत हो चुकी है। वहीं, 50 से अधिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर प्रदेश के अन्य स्थानों पर बनाए जाएंगे।
निजी कंपनियों को मिलेगा डीटीआई का काम
डीटीआई (ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) का काम प्राइवेट कंपनियों के हाथों में दिया जाएगा। इस दौरान गवर्नमेंट और कॉमर्शियल ड्राइवरों के साथ ही निजी वाहन संचालक भी यहां प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। सरकार इन निजी कंपनियों को डीटीआई संचालित करने और उनके मेंटेनेंस का अधिकार प्रदान करेगी।
लखनऊ में बन रहे दो डीटीसी
लखनऊ में बक्शी का तालाब और सरोजिनी नगर में दो ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर तैयार किए जा रहे हैं, जिन पर अगले साल से लाइसेंस का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद लखनऊ के आरटीओ कार्यालय और देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय में टेस्टिंग ट्रैक का काम समाप्त हो जाएगा।
सड़क सुरक्षा के लिए अनिवार्य होगा ड्राइविंग ट्रेनिंग
परिवहन विभाग के अनुसार, डीटीआई में चालकों को ड्राइविंग स्किल सिखाने के साथ ही कई रिसर्च कोर्स भी कराए जाएंगे। सड़क हादसों को कम करने के उद्देश्य से डीटीआई में रिफ्रेशर कोर्स अनिवार्य होगा।
प्रदेश में हर माह जारी होते हैं एक लाख से ज्यादा लाइसेंस
लखनऊ के आरटीओ कार्यालय से रोजाना करीब 200 ड्राइविंग लाइसेंस जारी होते हैं, जबकि प्रदेश के 75 जिलों के 77 आरटीओ कार्यालय में हर माह एक लाख से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस जारी होते हैं।
सरकारी और निजी सहभागिता से होगा बड़ा बदलाव
अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि प्रदेश भर में सरकार की तरफ से 16 डीटीटीआई खोले जा रहे हैं। इसके अलावा, प्राइवेट फर्म लगभग 50 स्थानों पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट या सेंटर खोलेंगी। इन प्रयासों से सरकार को करीब 34 करोड़ रुपए का फायदा होने की संभावना है।