बॉर्डर न्यूज़ लाइव, उत्तर प्रदेश
मेरठ/उत्तर प्रदेश। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में मेरठ एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 18 आरोपियों के खिलाफ 900 पन्नों की चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में दाखिल कर दी है। इस मामले में कंकरखेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था और कई राज्यों से गिरफ्तारियां की गई थीं। पेपर लीक और गिरफ्तारी का सिलसिला17 और 18 फरवरी 2024 को यूपी पुलिस में सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था। पेपर लीक होने की जानकारी मिलने पर शासन ने परीक्षा कैंसिल कर दी थी। एसटीएफ ने कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में 6 मार्च 2024 को 6 आरोपियों दीपक उर्फ दीप, बिट्टू, प्रवीण, रोहित उर्फ ललित, साहिल और नवीन को गिरफ्तार किया था और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाने का खुलासा
गिरफ्तारियों के बाद जांच में खुलासा हुआ कि गुरुग्राम मानेसर और मध्यप्रदेश के रीवा स्थित रिसोर्ट में कुल 1200 अभ्यर्थियों को लीक हुआ पेपर पढ़ाया गया था। इसके बाद एसटीएफ ने 12 मार्च को महेंद्र निवासी जींद, हरियाणा, अभिषेक शुक्ला, रोहित पांडेय और शिवम गिरी को गिरफ्तार किया। मानेसर के रिसोर्ट मालिक सतीश धनकड़ को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया।
पेपर लीक का स्रोत और गिरोह का खुलासा
जांच में पता चला कि पेपर रवि अत्री गैंग ने अहमदाबाद स्थित कंपनी के वेयरहाउस से लीक कराया था। मेरठ एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में पहली चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गई है, जिसमें 18 आरोपियों के नाम शामिल हैं। ये आरोपी अन्य पेपर लीक मामलों में भी शामिल रहे हैं, जिसकी भी जांच की जा रही है। गैंगस्टर एक्ट लगाने के साथ आरोपियों की संपत्ति का रिकॉर्ड जुटाकर जब्त किया जाएगा। गिरोह में छह राज्यों के अपराधी शामिल हैं।