मृतकों के परिवार को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख व मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये की सहायता का ऐलान
उत्तर प्रदेश के गोंडा में बड़ा रेल हादसा
रेल हादसों पर बढ़ती चिंता
देश में रेल हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। सरकार के तमाम दावों के बाद भी आए दिन हादसे हो रहे हैं और इनमें सफर करने वाले यात्री अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या रेल में सफर करना अब सुरक्षित नहीं रहा? गुरुवार को फिर एक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसमें डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पलट गए।
ड्राइवर का दावा और साजिश का एंगल
हादसे के बाद ड्राइवर ने दावा किया कि उसने हादसे से पहले धमाके की आवाज सुनी थी। जिसके बाद हादसे में साजिश का एंगल भी नजर आने लगा। हालांकि, यूपी के पुलिस मुखिया ने इस दावे को खारिज कर दिया।
राहत और बचाव कार्य
हादसे के तुरंत बाद राहत लेकर मेडिकल ट्रेन और राहत बचाव दल पहुंचा। लोग खुद को और परिजनों को सुरक्षित करने के लिए उलट पलट चुकी ट्रेन के डिब्बों के दरवाजों या खिड़कियों से निकालने की कोशिश करते दिखे।
विपक्ष का हमला और सरकार की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने हादसे पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी राज में रेल सुरक्षा खतरे में है। वहीं, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी ने भी सरकार से जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की है।
रेल मंत्रालय की मुआवजे की घोषणा
रेल मंत्रालय ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
यात्रियों का बयान
हादसे में बचे यात्रियों ने अपने अनुभव साझा किए। एक यात्री संदीप कुमार ने बताया, “एक पल के लिए कोच धूल से भर गया और चारों ओर अंधेरा छा गया। मुझे केवल चीखें याद हैं और एक यात्री ने मेरा हाथ खींचा और मुझे खिड़की से बाहर निकलने में मदद की।”